बच्चों के जरिए मांसाहर का प्रचार
श्रीमती नीता अंबानी ने धीरु भाई इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित एक समारोह में आरकेएचएस समूह द्वारा बच्चों के लिए स्वास्थ्यप्रद आहार को लेकर प्रकाशित पुस्तक 'हेल्दी फुड फॉर सुपर किड्स' का विमोचन किया।
Thursday, 06 December 2007 श्रीमती नीता अंबानी ने धीरु भाई इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित एक समारोह में आरकेएचएस समूह द्वारा बच्चों के लिए स्वास्थ्यप्रद आहार को लेकर प्रकाशित पुस्तक 'हेल्दी फुड फॉर सुपर किड्स' का विमोचन किया। 250 रुपये की अंग्रेजी में प्रकाशित इस पुस्तक का संपादन कैरन आनंद ने किया है और संदर्भ सामग्री आरकेएचस समूह के रसोईयों (शैफ्स) ने तैयार की है। पुस्तक में स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए उनके लिए वे आहार सुझाए गए हैं जो वे आसानी से पचा सकें और उनके स्वास्थ्य के लिए अनुकूल और पौष्टिक हों। इसमें सलाद, नाश्ता, सूप, शाकाहारी आहार, मिठाईयों आदि के बारे में जानाकरी दी गई है और बहुत सरल तरीके से उनको बनाने की विधि भी समझाई गई है। पुस्तक के मुखपृष्ठ पर 10 साल के एक बच्चे का चित्र भी दिया गया है।
समारोह में श्रीमती नीता अंबानी के अलावा आरके एचएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुनील नायक, आरकेएचएस समूह के अध्यक्ष श्री राजू शेट्ये, पुस्तक की संपादक सुश्री कैरन आनंद और इस पुस्तक के लिए शोध और संदर्भ समग्री एकत्रित करने वाले सभी लोग मौजूद थे। समारोह के बाद जाहिर था फोटोग्राफर और टीवी कैमरेवाले श्रीमती अंबानी को कवर करने दौड़ पड़े, मगर एक युवती टीवी पत्रकार ने तो हद ही कर दी। टीवी वालों से बात खत्म करके जा रही श्रीमती अंबानी के पास वह युवती दौड़ती हुई आई मानो कोई जरुरी बात कहनी है, उसकी व्यग्रता देख श्रीमती अंबानी भी जाते जाते रुक गई, वह उनके पास आकर बोली 'आप जरा मेरा माईक पकड़ कर इतना कह दीजिए - मैं हूँ नीता अंबानी और आप मुझे इस चैनल पर देख रहे हैं'- उसकी यह बात सुन श्रीमती अंबानी खुद चौंक गई, मगर उन्होंने विनम्रता से उससे कहा 'मुझे टीवी रिपोर्टर नहीं बनना है। ' क्या टीवी चैनल वालों ने अपने रिपोर्टरों को यह काम दे रखा है कि वे किसी भी समारोह को कवर करने जाएं तो वहाँ मौजूद अतिथिय़ों से ही रिपोर्टिंग करालें, तो फिर हर जगह संवाददाताओं को भेजने की क्या जरुरत है कैमरामैन को ही भेज दिया जाना चाहिए- खबरे देने का काम समारोह में मौजूद अतिथि खुद ही कर लिया करेंगे। इससे देश में टीवी पत्रकारिता का स्तर भी बहुत ऊपर उठ जाएगा।
खरने वाली बात यह है कि शाकाहारी आहार के साथ मांसाहारी आहार भी शामिल कर दिया गया है, इसलिए किसी शाकाहारी परिवार के लिए यह पुस्तक पहली नजर में ही अर्थहीन हो गई है। अगर पुस्तक के प्रकाशकों को मांसाहर से इतना ही प्रेम था तो मांसाहार के लिए अलग से पुस्तक प्रकाशित की जाना थी, शाकाहारी आहार को आधार बनाकर मांसाहार का प्रचार करने का तुक समझ में नहीं आया।
आश्चर्य इस बात का है कि अंबानी परिवार की श्रीमती नीता अंबानी ने मांसाहार का प्रचार करने वाली इस पुस्तक के लोकार्पण समारोह में मौजूदगी और उनके ही स्कूल में इसका आयोजन होना। राम कथा, भागवत कथा करने से लेकर शुध्द और सात्विक आहार का प्रचार करने वाले मोरारी बापू हों या रमेश भाई ओझा, सभी अंबानी परिवार से परोक्ष-अपरोक्ष रुप से जुड़े हैं। मोरारी बापू तो दो साल पहले अंबानी परिवार के अनुरोध पर मुंबई के एनसीपीए मे कॉर्पोरेट घरानों से जुड़े खास लोगों के लिए कथा भी कर चुके हैं और उस कथा में भी उन्होंने लोगों से शाकाहर अपनाने की अपील करते हुए अंबानी परिवार की इस बात के लिए जी खोल कर प्रशंसा की थी कि यह परिवार शुध्द शाकाहारी है। यह भी सच्चाई है कि रिलांयस उद्योग समूह की किसी भी कैंटीन में मांसाहारी खाना नहीं दिया जाता है। स्वर्गीय धीरूभाई अंबानी की पत्नी श्रीमती कोकिला बेन अंबानी तो शुध्द वैष्णव जीवन जीती हैं और प्याज लहसुन तक से परहेज करती हैं।
अब थोडी- जानकारी आरकेएचएस समूह (राधा कृष्ण हॉस्पिटिलिटी सर्विसेसस) के बारे में भी-
आरकेएचएस समूह द्वारा प्रतिदिन 2 लाख 50 हजार लोगों के लिए भोजन तैयार किया जाता है। यह देश की अग्रणी कंपनी है जो आहार और आवास की सुविधा उपलब्ध कराती है। कंपनी के 900 कॉर्पोरेट क्लाईंट हैं और कंपनी द्वारा जहाजों से लेकर विमानों और औद्योगिक घरानों और बड़े स्कूलों में तैयार भोजन उपलब्ध कराया जाता है। कंपनी का कारोबार 20 राज्यों में फैला है और 16 500 समर्पित लोगों की टीम इससे जुड़ी है।