अवैध कब्जे पर बन रहा है 80 लाख रु. का मकान
संभागीय आयुक्त के निर्देश के बाद भी आठ माह से नहीं हुई कार्रवाई
बीकानेर, 9 जुलाई। स्थानीय पुष्करणा स्कूल की जमीन तथा उसके पास की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर क्षेत्र की निवासी दयावंती पुरी पत्नी प्रहलाद पुरी द्वारा लग•ाग 80 लाख रुपये का चार मंजिला मकान बनवाया जा रहा है। संभागीय आयुक्त के निर्देश के बावजूद इस मकान के निमार्ण को रोकने तथा पुष्करणा स्कूल व सरकारी जमीन से अवैध कब्जाधारी को हटाने की कार्रवाई के प्रति जिला प्रशासन घोर उदासीनता बरत रहा है। इस मामले में अवैध कब्जाधारी परिवार की हिम्मत भी दाद देने लायक है कि इस परिवार ने फर्जीवाड़ा कर तथा नगर विकास न्यास के अधिकारियों-कर्मचारियों से मिली•ागत कर अवैध कब्जे की जमीन का ग्रांट एक्ट के तहत एक रुपये में पट्टा भी बनवा लिया था और उस पट्टे के साथ यूआईटी से एक मंजिली ईमारत बनाने की परमिशन भी ले ली थी।
जिसे बाद में हुई शिकायत के चलते पट्टे को निरस्त भी कर दिया गया मगर अवैध कब्जाधारी अब भी उस भूमि पर जमा हुआ है और शान से अपना चार मंजिला मकान भी बनवार रहा है। प्रशासन की उदासीनता की झलक संभागीय आयुक्त के बीकानेर कलक्टर को लिखे ताजा पत्र से भी साफ दिखती है। इस पत्र में संभागीय आयुक्त ने कलक्टर को लिखा है कि उन्होंने संबंधित भूमि से अवैध कब्जाधारी को हटाने के लिये दिसंबर 2014, जनवरी 2015, मार्च 2015 तथा अब जुलाई 2015 तक की अवधि में चार पत्र बीकानेर प्रशासन को भेजे है मगर खेदजनक स्थिति है कि प्रकरण में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। संभागीय आयुक्त ने इस माह 8 जुलाई को लिखे पत्र में कलक्टर को अब तक कार्रवाई नहीं किए जाने का कारण बताने के निर्देश देते हुए बताया है कि संबंधित प्रकरण एक गंभीर मामला है ऐसे में नियमानुसार तत्काल कार्रवाई की जाए। कहने को तो कार्रवाई के नाम पर नगर विकास न्यास ने संबंधित जमीन को सीज करने के आदेश भी दिये हुए है मगर जमीनी कार्रवाई हकीकत से काफी दूर है।
दूसरी ओर पुष्करणा स्कूल की भूमि को अवैध कब्जाधारी से मुक्त कराने की मांग को लेकर सार्दुल पुष्करणा उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रबंध कार्यकारिणी के अध्यक्ष विमल राय आचार्य ने गुरुवार को संभागीय आयुक्त तथा बीकानेर कलक्टर को एकबार फिर ज्ञापन सौंपा है। आचार्य का कहना है कि बीकानेर शहर पुष्करणा बाहुल्य क्षेत्र होने के बावजूद भी भू-माफियाओं ने स्कूल की तथा यूआईटी की भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया। आचार्य के अनुसार अवैध कब्जाधारी ने यूआईटी से जो पट्टा संख्या 1430 इस भूमि के लिये बनवाया था, उसकी नोट शीट में भी लिखा गया था कि पट्टा बनवाने के योग्य नहीं है। फिर भी ऐसे लोगों ने जिनको पट्टे पर साइन करने के अधिकार नहीं थे। उन्होंने पट्टा बनाकर जारी कर दिया।