सहकारी ऋणों की ब्याज दर घटी
जयपुर। सहकारिता मंत्री परसादी लाल मीणा ने सहकारी भूमि विकास बैंकों से वितरित दीर्घकालीन सहकारी ऋणों की ब्याज दर में आधा प्रतिशत कमी की घोषणा करते हुए कहा है कि अब काश्तकारों से दीर्घकालीन सहकारी ऋणों पर साढे ग्यारह प्रतिशत की दर से ब्याज लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संवेदनशील सरकार ने कार्यभार संभालने के बाद दीर्घकालीन सहकारी ऋणों की ब्याज दरों म दूसरी बार कमी की है। उन्होंने बताया कि इससे पहले फरवरी, 09 में सहकारी भूमि विकास बैंकों के माध्यम से बांटे जाने वाले दीर्घकालीन सहकारी ऋणों की ब्याज दरों में सवा प्रतिशत तक की कमी की गई थी। ब्याज दरों में कमी का निर्णय प्रदेश के काश्तकारों को राहत देने के उद्देश्य से किया गया है। सहकारिता मंत्री ने बताया कि सहकारी भूमि विकास बैंकों द्वारा वितरित लम्बी अवधि के सहकारी ऋणों में फरवरी, 09 से 11.50 से 12 प्रतिशत तक की दर से ब्याज लिया जा रहा था। अब सभी उद्देश्यों के लिए वितरित सभी तरह के दीर्घकालीन सहकारी ऋणों पर समान रुप से 11.5 प्रतिशत की ब्याज दर का निर्धारण किया गया है। मीणा ने बताया कि राज्य में 36 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों द्वारा कृषि यंत्रीकरण में ट्रेक्टर, ट्राली व थ्रेशर आदि की खरीद, लघु सिंचाई साधनों में नलकूप, नया कुआँ बनवाने, कुआँ गहरा कराने, पम्प सेट लगवाने, बिजली या डीजल के इंजन लगाने, बून्द-बून्द सिंचाईं, फव्वारा सिंचाई आदि साधनों, विविध कार्यों और गैरकृषि कार्यों के लिए उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने बताया कि भूमि विकास बैंक द्वारा काश्तकारों को दीर्घकालीन कृषि सुधार कार्यों और खेती के लिए आधारभूत सुविधाओं के विस्तार के लिए ऋण दिए जाते हैं। सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव चन्द्र मोहन मीणा ने बताया कि राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक द्वारा ब्याज दरों में कमी के आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस साल काश्तकारों को लगभग 250 करोड रुपए के दीर्घकालीन सहकारी ऋण उपलब्ध कराने का कार्यक्रम है। उन्होंने बताया कि इससे पहले केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों को उपलब्ध कराए जाने वाले ऋणों पर भी एक प्रतिशत की कमी की जा चुकी है।