श्री लक्षचण्डी महायज्ञ शुरू, वरूण कलश यात्रा में हजारो ने की शिरकत, भव्य स्वागत
महायज्ञ में मंगलवार को सुबह नांदीश्राद्व करवाकर पंचांग पूजन हुआ, इसके बाद ब्राह्मणो द्वारा गणपति अथर्वशीष पाठ प्रारम्भ किया गया। दोपहर को यज्ञ में भाग लेने वाले १५०० विद्वान ब्राह्मणों को वरण दिया गया। महायज्ञ में दोपहर को गाजे-बाजे व हर-हर महादेव के स्वरों से वातावरण को गुजांयमान करते हुए हजारों ब्राह्मणों के साथ वरूण कलश शोभायात्रा निकली, जिसमें हजारों की तादाद में सिर पर कलश उठाये महिलाओं ने भी शिरकत की। वरूण कलश यात्रा का मार्ग में पुष्प वर्षा कर ऐतिहासिक स्वागत किया गया।
बीकानेर २० फरवरी। श्रीरामसर रोड स्थित धरणीधर महादेव मंदिर के खेल मैदान में महामण्डलेश्वर स्वामी श्री प्रखरजी महाराज के सानिध्य में आयोजित होने वाले श्री लक्षचण्डी महायज्ञ का श्रीगणेश पंचांग पूजन के साथ मंगलवार से हुआ। महायज्ञ में दोपहर को गाजे-बाजे व हर-हर महादेव के स्वरों से वातावरण को गुजांयमान करते हुए हजारों ब्राह्मणों के साथ वरूण कलश शोभायात्रा निकली, जिसमें हजारों की तादाद में सिर पर कलश उठाये महिलाओं ने भी शिरकत की। वरूण कलश यात्रा का मार्ग में पुष्प वर्षा कर ऐतिहासिक स्वागत किया गया।
महायज्ञ समिति के महामंत्री रामकिशन आचार्य ने बताया कि वरूण कलश यात्रा रतन बिहारीजी मंदिर पार्क से रवाना हुई। वरूण कलश यात्रा को लेकर नगर की श्रद्वालु जनता में जबरदस्त उत्साह देखा गया। रतन बिहारीजी मंदिर परिसर में सुबह से ही रंग-बिरंगे परिधान पहने महिलाएं जमा होनी शुरू हो गई। रतनबिहारीजी पार्क में इन महिलाओं व पुरूषों के जमावडे से मेले सा माहौल हो गया। पार्क परिसर में गाडयो पर गणेश, दुर्गा व हनुमान की झांकियों के अलावा विभिन्न समसामयिक समस्याओं को उभारती हुई झांकियां भी लोगो को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। रतन बिहारीजी पार्क में यज्ञ के आचार्य पं. लक्ष्मीकान्त दीक्षित ने कलश यात्रा से पूर्व विधिवत् पूजा करवाई। रतनबिहारीजी पार्क से वरूण कलश यात्रा को महामण्डलेश्वर स्वामी श्री प्रखरजी, मूलवास सीलवां नोखा निवासी संत दुलाराम कुलरिया, महायज्ञ समिति के सरंक्षक डाँ. बी.डी. कल्ला व समिति के अध्यक्ष सुभाष मितल ने केसरियां झण्डी दिखाकर शोभा यात्रा को रवाना किया। शोभायात्रा में आगे-आगे एक गाडी पर महायज्ञ के बारे में जानकारी दी जा रही थी। उसके पीछे सजे-धजे ऊंट, उनके पीछे गणेश, दुर्गा, हनुमान सहित अनेक देवी-देवताओं की सचेतन झांकियों के अलावा, भ्रुण हत्या को रोकने, नेत्रदान को प्रोत्साहित करने, बालिका शिक्षा को बढावा देने के संदेश देती हुई झांकियां व ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, उपभोक्ता सरंक्षण समिति की झांकिया मार्ग में सभी को आकर्षित कर रही थी। झांकियों का संचालन डॉ. मेघराज आचार्य ने किया। इसके बाद हजारो की तादाद में कतारबद्ध कलश उठाये महिलाएं चल रही थी। कलश उठायी महिलाओं के पीछे महामण्डलेश्वर स्वामी श्री प्रखरजी महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी श्री विशोकानन्दजी महाराज, संत दुलाराम कुलरिया, महामंत्री रामकिशन आचार्य, कोषाध्यक्ष मनमोहन कल्याणी, तोलाराम पेडवाल, चिरंजीलाल श्रीमाली, द्वारका प्रसाद राठी, राजेश चूरा, बलवंत गीदडा, बजरंग कुमार सोनी सहित अनेक गणमान्य लोग साथ-साथ चल रहे थे। शोभायात्रा में देश के विभिन्न प्रांतो से आये हजारों वेदपाठी ब्राह्मण हर-हर महादेव व वैदिक मंत्रोच्चार करते हुए चल रहे थे। महायज्ञ की यह शोभायात्रा रतनबिहारीजी पार्क से रवाना होकर के.ई.एम. रोड, कोटगेट, जोशीवाडा, दाउजी मंदिर, तेलीवाडा सर्राफा बाजार, मोहता चौक, मरूनायक चौक, आचार्य चौक होते हुए श्रीरामसर गेट से महायज्ञ स्थल पर पहुंची। शोभायात्रा का मार्ग में जगह-जगह स्वागत किया गया। जोशीवाडा, मोहता चौक, मरूनायक चौक व आचार्य चौक में पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया। मार्ग में यात्रा में शामिल लोगो के लिए शीतल जल की व्यवस्था थी।
महायज्ञ में मंगलवार को सुबह नांदीश्राद्व करवाकर पंचांग पूजन हुआ, इसके बाद ब्राह्मणो द्वारा गणपति अथर्वशीष पाठ प्रारम्भ किया गया। दोपहर को यज्ञ में भाग लेने वाले १५०० विद्वान ब्राह्मणों को वरण दिया गया। शाम को शोभायात्रा के यज्ञ स्थल पर पहुंचने के पश्चात्*यजमानों को यज्ञ मण्डप में प्रवेश करवाया गया।