लम्बी दूरी की विषेष गाड़ियों को स्थाई रूप से डिब्बे जोड़ने का आग्रह:उद्योग संघ बीकानेर
उत्तर पष्चिम रेल्वे,जयपुर को पत्र लिखकर इस समस्या के समाधान का आग्रह किया
बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष व डीआरयूसीसी सदस्य द्वारका प्रसाद पचीसिया, यात्री सेवा समिति के कार्यकारी अध्यक्ष नरेष मित्तल, संघ उपाध्यक्ष राजाराम सारड़ा, डीआरयूसीसी सदस्य अनन्तवीर जैन ने महाप्रबंधक उत्तर पष्चिम रेल्वे, जयपुर को पत्र लिखकर सभी लम्बी दूरी की विषेष गाड़ियों को चिन्हित कर स्थाई रूप से डिब्बे जोड़ने का आग्रह किया है। पत्र में बताया गया कि लंबी दूरी की गाड़ियों में यात्रियों के लिहाज से डिब्बे पर्याप्त नहीं है, जिससे यात्रियों को काफी परेषानियों का सामना करना पड़ रहा है। जहां स्थायी रुप से डिब्बों की दरकार है, वहां रेल प्रबंधन कभी एक दिन तो कभी दो दिन के अतिरिक्त कोच जोड़ देता है, किन्तु यह अस्थायी बढ़ोत्तरी महज औपचारिकता बनकर रह जाती है। पर्याप्त डिब्बो में अभाव में पैर रखने की भी जगह नहीं रहती, वेटिंग भी क्लीयर नहीं हो पाती, इस स्थिति के उपरांत भी स्थायी तौर पर डिब्बों में बढ़ोŸारी नहीं होती। हमें ज्ञात हुआ है कि गाड़ी संख्या 22473, बीकानेर-बांद्रा टर्मिनस सुपरफास्ट एक्सप्रेस में 1 थर्ड ए.सी. श्रेणी के डिब्बे की अस्थाई बढ़ोतरी की जा रही है, किन्तु यह मात्र एक दिन के लिए ही रहेगी। इसके बाद लोगों को पुनः दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। लंबी दूरी की प्रत्येक गाड़ी में 24 डिब्बे होने चाहिए किन्तु वर्तमान मंे कई गाड़ियों में 19 से 21 डिब्बे ही है। ऐसे मंे इन गाड़ियों को चिन्हित कर इनके डिब्बों में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। बीकानेर से बान्द्रा जाने वाली गाड़ी में 23 डिब्बे है, इसमें एक डिब्बा वातानुकूलित स्थाई रूप से बढ़ाया जा सकता है, इसके अतिरिक्त दादर में 20, प्रताप एक्सप्रेस (बीकानेर-कोलकता) में 19, साप्ताहिक बान्द्रा मे 19, हरिद्वार में 20, बीकानेर-दिल्ली सुपरफास्ट में 19 डिब्बे है, खासकर हरिद्वार की गाड़ी में 4 डिब्बे ही हैै। कभी-कभार इन गाड़ियों में अस्थाई डिब्बे जोड़े जाते है तो कभी फिर से हटा दिये जाते है। इस समस्या का स्थाई समाधान कर स्थाई डिब्बे लंबी दूरी की गाड़ियों मंे जोड़े जायें। अतः यात्रियों की परेषानियों को दूर करने हुए लंबी दूरी की विषेष गाड़ियों को चिन्हित कर इनमें स्थाई रूप से कम से कम 24 डिब्बे कर दिये जाये, ताकि यात्रियों को राहत मिलें।