बावेजा ने भक्ति संगीत मे समा बाधां
पूर्णानन्द महाराज की 48वीं पूण्य तिथि का हुआ समारोह कार्यक्रम
बीकानेर। भीनासर स्थित बंषीलाल की बगेची में पूर्णानन्द महाराज की 48 वीं पूण्य तिथि के सप्तदिवसिय समारोह के आज अन्तिम दिन मंगलवार को बापजी महाराज का अभिषेक पंचामृत से किया। बापजी की प्रतिमा को पुष्प-मालाओं से श्रृगारित किया गया व पूरे परिसर को को रंग बिरंगी रोषनियों व पुष्प-मालाओं से सजाया गया। मंगलवार को वेद मंत्रोचारण के साथ महाराज का रूद्राभिषेक, पूजन, महाआरती आदि कार्यक्रम पंडित भागीरथ ओझा के सानिध्य में हुए। इनमें बड़ी संख्या में भक्तजन भी शामिल हुए।
ऋषिकेष से आए विद्धवान संत महामण्डलेष्वर, दिल्ली से पधारे अवधूत संत पुरूषोतम्, हरिद्वार से पधारे नृसिंह महाराज की अमृतवाणी से आज भी लोग लाभान्वित हुए। सोमवार रात्रि मे हुए जागरण में देष-विदेष में अपने गायन का जादु बिखेरने वाले मुम्बई के सुषील बावेजा ने भक्ति संगीत प्रस्तुत किया। बावेजा की रामायण पर आधारित प्रस्तुतियों व संर्कीतन पर उपस्थित जन बार बार तालियां बजाते रहे। देष-विदेष में सम्मानित अषोक पाण्डेय ने बावेजा के साथ तबले पर संगत की। मुम्बई के कलाकार अली गनी ने भी भजन सुनाए। आयोजन से जुड़े गोकुल सारड़ा ने मंचस्थ कलाकरों का परिचय दिया। कलाकार षिव सुथार व बद्री सुथार ने कलाकारों का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
