श्रमिक संगठनों की हडताल का व्यापक असर
बैकिंग सेवाऐं प्रभावित, ऑटो रिक्शा के चक्के जाम
बीकानेर, केन्द्रीय श्रमिक संगठन की राष्ट्रव्यापी हडताल का मंगलवार को प्यापक असर रहा। बैंक, रोडवेज, बीमा, बीएसएनएल, विधुत, जलदाय, ऑटो रिक्शा मजदूरों व श्रमिकों तथा कर्मचारियों व अधिकारियों के हडताल पर रहने से आमजन परेशान हुआ। ट्रेड यूनियनों के हडताल से सर्वाधिक बैकिंग सेवाये प्रभावित हुयी। बैकों की 9 मे से 7 यूनियनों के हडताल पर रहने से इनसे जुडे अधिकारी व कर्मचारी हडताल में शामिल हुये। हडताल से बैकिंग सेवाये प्रभावित होने से बैंक ग्राहाकों को परेशानी हुयी। बैंकों में एक दिन रही हडताल से करोडो का लेन-देन प्रभावित हुआ व चैक अटके पडे रहे। ट्रेड यूनियनों की हडताल का व्यापक असर शहर की सडकों पर भी देखा गया। हमेशा शहर की सडकों पर दौडते रहने वाले ऑटो रिक्शा चालकों के हडताल में शामिल होने से सर्वाधिक परेशानी आमजन को हुयी स्कूल, कॅालेज, ऑफिस, दुकान, अस्पताल इत्यादी आने-जाने के लिये आमजन को ऑटों उपलब्ध नही हो पाया। राष्ट्रव्यापी हडताल का व्यापक असर बीमा, सर्वाधिक बीमा, बीएसएनएल, विधुत, जलदाय के साथ निजी क्षेत्रों में भी देखा गया, जहां श्रमिक सरकार की आर्थिक नीतियों के विरोध, निजीकरण, ठेका प्रथा के विरोध, श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ हडताल में उतरकर हडताल का व्यापक समर्थन किया। देश की सभी 11 ट्रेड यूनियनों की सामुहिक राष्ट्रव्यापी हडताल में रेलवे को छोडकर सभी क्षेत्रों के श्रमिक कर्मचारी शामिल हुये। सरकार की आथ्र्ाक नीतियों के खिलाफ पहली बार सभी पंजीकृत ट्रेड यूनियनों की हडताल में आम आदमी की परेशानियों का मुद्दा बनाया गया।
रैली निकाली, कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया
ये संगठन हुये शामिल
श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हडताल में भारतीय मजदूर संघ, इंटक, एटक, सीटू, हिमस, आईयूटीयूसी, एआईसीसीटीयू, यूटीयूसी, एलपीए इनके अलावा वकील, मेडिकल रिप्रजेन्टेटिव, रोडवेज बैंक, बीएसएनएल, बीमा, ऑटो यूनियन आदी शामिल हुये।