बाडमेर कलक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश
बाडमेर, औद्योगिक क्षैत्र मे 22 जून को पकडी गई नकली गोरस ब्रांड घी बनाने की फैक्ट्री के मामले मे आरोपियों को सरंक्षण देकर बचाने एवं सबूतनुमा फर्जी मेटेरियल को गायब करवाने के मामले मे पेश एक याचिका पर यहां की एक अदालत ने बाडमेर कलक्टर गौरव गोयल समेत एक दर्जन से अधिक अधिकारियों व फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। परिवादी सामाजिक कार्यकर्ता हरीश चंडक ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष यह याचिका पेश की कि उदयपुर कलक्टर की इतला पर बाडमेर के इंडस्ट्रीयल एरिये मे अनिल कुमार मेहता व लालाराम चौधरी की देखरेख मे चल रही नकली गोरस ब्रांड घी बनाने की फैक्ट्री पर 22 जून को छापा मारा गया था। वहां पहुंची अधिकारियों की टीम को 4050 लीटर नकली घी, गोरस ब्रांड पैकिंग का मैटेरियल एवं अन्य सामान मिला लेकिन अधिकारियों ने यह जानते हुए भी पकडा गया घी नकली एवं मिलावटी हैं तथा मैटेरियल फर्जी हैं परन्तु आरोपियों के खिलाफ कोई आपराधिक कार्यवाही नही की। उलटे ही आरोपियों को सबूत नष्ट करने का मौका दिया। याचिका के मुताबिक पकडे गये घी की जानबुझ कर दुबारा जांच करवाई तो उसमें भी वह नकली व मिलावटी निकला मगर बाडमेर कलक्टर व संबंधित अधिकारियों ने न तो फैक्ट्री बंद करवाई न अभियुक्तों पर फौजदारी कार्यवाही की। याचिका मे बताया कि अधिकारियों के सरंक्षण के कारण अभियुक्तगण नकली घी तैयार कर फर्जी ब्रांडों मे पैक कर न केवल आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड व ठगी कर रहे हैं बल्कि राजकोष को राजस्व का भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवादी के अधिवक्ता राजेन्द्र शर्मा ने दलील दी कि नकली घी की फैक्ट्री के संचालक अनिल कुमार, लालाराम चौधरी को सरंक्षण देकर सबूत नष्ट करने की छूट देने के आरोपी जिला कलक्टर गोरव गोयल, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी जितेन्द्रसिंह, जिला उद्योग केन्द्र के प्रबन्धक ओ.पी गोस्वामी, सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी अनुपाराम दैया, निरीक्षक अखिलेश व भाखराराम ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 42॰,4॰6,467,468,471,12॰ बी एवं 7/ 16 खाद्य अपमिश्रण अधिनियम के तहत अपराध किया हैं। अदालत ने परिवादी पक्ष की दलीलों के बाद शहर कोतवाली के थानाधिकारी को दण्ड प्रक्रिया संहिता 156(3) के तहत आदेश दिए कि अभियुक्त जिला कलक्टर गौरव गोयल,अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी जितेन्द्रसिंह, जिला उद्योग केन्द्र के प्रबन्धक ओ.पी गोस्वामी, सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी अनुपाराम दैया, निरीक्षक अखिलेश व भाखराराम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर नतीजा रिपोर्ट अदालत मे पेश करें।