सूरतगढ मे मिला जिन्दा बम
शहर में इसी वर्ष के दौरान बम मिलनें की यह तीसरी-चौथी घटना हुई है
सूरतगढ, कस्बे में एक बार फिर शक्तिशाली बम मिलने से आज सनसनी फैल गई। शहर में इसी वर्ष के दौरान बम मिलनें की यह तीसरी-चौथी घटना हुई है। महाजन फील्ड रेंज और सैनिक छावनी के मध्य स्थित इस कस्बे में इस तरह बम आमतौर पर मिलते रहते ह, जो प्रशासन व पुलिस के साथ-साथ सेना की चौकसी व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लगाते हैं। आज इंदिरा चौराहे के समीप औद्योगिक क्षेत्र की एक सडक पर मिल्क डेयरी के पीछे झाडियों में बम पडा हुआ मिला। करीब 11 बजे कुछ लडके घर में जलाने के लिए लकडियां लेने यहां आए थे। झाडियों को काटते समय उनकी नजर लगभग सवा 2 फुट लंबे 8 इंच व्यास के बम पर नजर पडी तो वे चौंक गए। उन्होंने आसपास के व्यक्तियों को बताया और बाद में सूचना मिलने पर डीएसपी प्रकाश शर्मा, थानाधिकारी रामनिवास मीणा दल बल सहित पहुंच गए। उन्होंने आसपास से लोगों को हटा दिया तथा सुरक्षा की दृष्टि से आरएसी के दो जवानों को तैनात कर दिया। पुलिस अधिकारियों के द्वारा जानकारी दिए जाने पर सैनिक छावनी से मेजर आशीष अग्रवाल ने मौके पर आकर बम का अवलोकन किया। बम जीवित होने की आशंका व्यक्त की गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस बम पर सेना का नंबर- 155 एचईईआर 173881॰4 अंकित है। इस बम की मारक क्षमता काफी अधिक बताई गई है। सूत्रों का कहना है कि इस बम को कोई फील्ड रेंज से उठाकर लाया होगा और उसने कस्बे के किसी कबाडी को बेचा होगा। जीवित होने के डर से कबाडी बम को झाडियों में फेंक गया होगा। जिस जगह बम मिला है, वहां की सडक पिछले बरसाती सीजन में टूट गई थी। इस सडक को हाल ही नया बनाया गया है। सडक निर्माण के समय यह बम दिखाई नहीं दिया। अगर उस समय रोड रोलर या निर्माण कार्य में लगा कोई अन्य वाहन इस बम के ऊपर से निकल जाता तो भारी जानमाल का नुकसान होने से इंकार नहीं किया जा सकता था। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस बम को डिस्पोजल करने के लिए सेना ने बठिंडा के अपने बम डिस्पोजल स्क्वायड (बीडीएस) को बुलाया है। कल बुधवार को डिस्पोजल की कार्यवाही किए जाने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले इसी वर्ष रेल लाइन के पास दो बार बम बरामद हुए हैं। रेलवे स्टेशन पर सैनिक रेलगाडियों का आना जाना लगा रहता है। देश में विभिन्न स्थानों पर तैनात सेना की रेजीमेंट्स और डिवीजन्स सैन्य अभ्यास के लिए महाजन फील्ड रेंज में आती है। इस कस्बे में कबाडियों के यहां भी बम फटने के कई बार मौतें हो चुकी हैं। फील्ड रेंज से व छावनी परिसर से ऐसे खतरनाक बम किस तरह कस्बे में और कबाडियों के पास पहुंचते हैं, यह सदैव रहस्य बना रहा है। रेल लाइन के आसपास भी बमों के मिलने से यही लगता है कि सैन्य टुकडियों के आने जाने के दौरान लापरवाही बरती जाती है, जिसके फलस्वरूप चलती ट्रेनों से बम गिर जाते हैं। सौभाग्य की बात यह है कि इस तरह की लापरवाही से अभी तक कोई बडा हादसा पेश नहीं आया, लेकिन भविष्य में भी ऐसा होता रहेगा, इससे कोई भी इंकार नहीं कर सकता।