थम्ब पूजन के साथ होलाष्टक शुरू
चंग पर धमाल, सुख-शांति एवं भाईचारे की कामना
बीकानेर, वेदोक्त मंत्रोच्चारण एवं चंग पर धमाल के साथ गुरूवार को हुये थम्ब पूजन के साथ शहर में होलाष्टक का आगाज हो गया। होलाष्टक के आगाज के साथ जहां मागंलिक कार्यक्रम निषेध हो गये वही रम्मतों, फागोत्सव के साथ होली की मौज-मस्ती व हास्य विनोद प्रारभ्भ हो गये। दशकों पुरानी परम्परानुसार गुरूवार को शहर में विभिन्न स्थानों पर विधि-विधानपूर्वक थम्ब पूजन एवं रोपण वेदोक्त मंत्रोच्चारण के साथ हुये। चौथाणी ओझा चौक में रम्मत उस्ताद फूना महाराज के सानिहय में भूमि पूज, थम्ब शुद्धिकरण, थम्ब रोपण एवं थम्ब पूजन कार्यक्रम सम्पन्न हुये। पण्डित झमू मस्तान ने मंत्रोच्चारण के साथ थम्ब पजन सम्पन्न करवाया। यजामन रूप में एडवोकेट मदन गोपाल व्यास ने थम्ब पूजन किया। इस अवसर पर श्याम सुन्दर ओझा, आन्नद ओझा, पण्डित मंगलचंद ओझा, जगुल नेता मनमोहन, रामकिशन व्यास, सन्नू ओझा आदी भी उपस्थित थे। लालाणी व्यासों के चौक में चंग पर धमाल एवं वेदोक्त मंत्रोच्चारण के साथ थम्ब रोपण एवं थम्ब पूजन सम्पन्न हुआ। पण्डित केदार ओझा ने मंत्रोच्चारण के साथ थम्ब पूजन करवाया। यजमान रूप में मक्खन लाल व्यास ने थम्ब पूजन किया। इस अवसर पर हरि किशन व्यास, वल्लभ सरदार, कानुलाल व्यास, उमेश व्यास, बद्रीदास, श्रीकान्त व्यास, रामलाल, सुरेन्द्र आदी ने चंग पर धमाल प्रस्तुत किया। कीकाणी व्यासों के चौक में परम्परानुसार थम्ब पूजन एवं रोपण का कार्यक्रम मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। मन्नू काका के सानिहय में थम्ब पूजन के अवसर पर बडी संख्या में मौहल्लेवासी उपस्थित थे। सुनारों की गुवाड में भी थम्ब पूजन होलाष्टक के पहले दिन हुआ।
सुख-शांति एवं भाईचारे की कामना
होलाष्टक के पहले दिन हुये थम्ब पूजन एवं रोपण के दौरान दशकों पुरानी परम्परानुसार सामुहिक रूप से सभी के लिये सुख, शांति, आपसी प्रेम एवं भाईचारे की कामना की गयी। पण्डित मक्खनलाल व्यास के अनुसार थम्ब के चारों और स्थापित देवताओं जिनमें भगवान नृसिंह, गणेश, भैंरू, लक्ष्मी की मूर्तियों की पूजा-अर्चना की जाती है। थम्ब पूजन होलाष्टक के शुरू होने के प्रतीक के साथ देवी देवताओं का पूजन कर सभी के लिये मंगल कामनाऐं की जाती है कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में वर्षभर खुशिया रहे, निरोग रहे, लक्ष्मी की कृपा रहे व मान-सम्मान बना रहे तथा सामाजिक प्रतिष्ठा में उत्रोतर प्रगित हो। एडवोकेट मदन गोपाल व्यास के अनुसार थम्ब पूजन के साथ देवताओं का पूजन कर आपसी प्रेम, सोहार्द की कामना के साथ भगवान से सभी की रक्षा करने कामना की जाती है।