विप्र फाउण्डेशन का गठन
बीकानेर उन्नत समाज समर्थ राष्ट्र की अवधारणा से प्रेरित ब्राह्मणों ने समाज के वैश्विक संगठन विप्र फाउण्डेशन का गठन किया है। परशुराम जयंती की पूर्व संध्या पर देश के पच्चीस शहरों में एक साथ इसकी घोषणा की गई। बीकानेर में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए संस्था के नवनियुक्त सचिव कमल कल्ला ने बताया कि कोलकाता में संपन्न विप्र महाकुंभ और उसके उपरांत मुंबई तथा दिल्ली में हुई चिंतन बैठकों में व्यक्त, पूरे देश भर के हजारों स्वजनों की भावनाओं के अनुरूप ही यह निर्णय लिया गया है। राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समरसता एवं स्वजातीय गतिशीलता के मुद्दों पर केन्द्रित यह संगठन आज से कार्य करना आरंभ कर देगा। कल्ला ने बताया कि फाउण्डेशन में विप्र समाज के 16 घटक, 16 उप जातियों को मिलाकर समाज उत्थान के प्रयास किए जा रहे है। फाउण्डेशन का मुख्य उद्देश्य समाज के विभिन्न परिवारों का सौ करोड की राशि का निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा करवाना, आर्थिक आत्मनिर्भरता हेतु नौकरियां दिलवना व रोजगार के नये अवसर उपलब्ध करवाना, वृहत्तर विप्र समाज के बीच वैवाहिक संबंधों हेतु सकारात्मक वातावरण तैयार करना, ब्राह्मात्व को विकसित करते हुए सभी समाजों के बीच समरसता हेतु अग्रणी भूमिका निभाना प्रमुख उद्देश्य रहेंगे। इन योजनाओं से समाज के पचास हजार लोग लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि विप्र फाउण्डेशन के मुख्य संरक्षक रतन शर्मा गुवाहाटी होंगे। अध्यक्ष का दायित्व चैन्नई के संजय श्रोत्रिय को एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष का दायित्व सेवानिवृत्त आईएएस भागीरथ शर्मा, जयपुर को सौंपा गया है। महासचिव का दायित्व कोलकाता के अशोक पारीक को एवं कोषाध्यक्ष का कार्य पशुपति कुमार शर्मा, सीकर को सौंपा गया है। पत्रकार वार्ता में चन्द्रशेखर श्रीमाली, मोहन किराडू, मदन गोपाल पुरोहित, परमानंद ओझा, पुरुषोत्तम शर्मा, वैद्य किसन लाल ओझा सहित अनेक जने उपस्थित थे।