निष्पादन एवं दक्षता वर्धन कार्यक्रम पर कार्यशाला प्रारंभ
बीकानेर, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन द्वारा ‘आशा सुपरवाईजरों (पी.एच.सी.) के कार्य निष्पादन एवं दक्षता वर्धन कार्यक्रम विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला स्वास्थ्य भवन में शुक्रवार को प्रारंभ हुई। केयर के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में सहायक कलक्टर ए.एच.गौरी ने कहा कि राज्य सरकार ने ग्रमीण क्षेत्रा की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति गंभीर है। आशा के सहयोग से गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्रयत्नशील है। अतः आशा को अपने नाम के अनरूप मातृ मृत्य दर और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने की दिशा में गंभीरता से कार्य करें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा ही एक मात्रा ऐसी सेवा है,जो मानव जीवन से सीधा संबंध रखती है। उन्होंने संस्थागत प्रसव बढाने में और अधिक मेहनत करने पर जोर दिया और कहा कि आशा सहयोगिनी स्वास्थ्य विभाग से समन्वय बनाते हुए लक्ष्य से अधिक काम करें। उन्होंने आशा सुपरवाईजरों से कहा कि आशाओं से इमानदारी एवं लग्न तथा निष्ठा से काम करवाना आपकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग एवं महिला एवं बाल विकास की बहुत सी योजनाएं समान है। अतः आपस में समन्वय से कार्य करना चाहिए। इस अवसर पर डॉ.नवल गुप्ता ने सभी आशा फेसिलिटेटर से अपेक्षा की कि वे इस कार्यशाला का भरपूर फायदा उठाये। उन्होंने कहा कि आप न केवल अपनी व्यक्तिगत क्षमताओं में वृद्धि करें बल्कि आगे समुदाय को संप्रेषण व व्यावहार गत् परिवर्तन द्वारा अधिक से अधिक लाभ पहुंचाएं । इस सभी से तंत्रा को फायदा होगा और लक्ष्यों की सही मायने में पूर्ति होगी तथा मातृ मृत्यु दर में कमी आएगी। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की जिला कार्यक्रम प्रबन्धक नीलू मेघवाल ने मिशन के उदेश्यों एवं कार्य प्रणाली पर प्रकाश डाला। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना,आशा,ग्रामीण स्वास्थ्य कमेटी तथा अन्य घटकों की जानकारी दी। आर.सी.एच.ओ.डॉ. सोहन लाल गोदारा ने काम नहीं करने वाली आशा का नाम भिजवाने के निर्देश दिये और कहा कि मातृ स्वास्थ्य एंव पोषण दिवस से पहले गांव में माईक के माध्यम से प्रचार किया जावे। कार्यशाला में जोन समन्वयक अखलेश गुप्ता,उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (परिवार कल्याण) सागर मल,डॉ० विजय बोथरा सहित आशा सुपरवाईजर शामिल हुए।