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निर्मोही रंगमंच के पथ प्रर्दशक -सिद्धी कुमारी
निर्मोही व्यास के निधन पर रंग-प्रेमियों एवं साहित्य जगत द्वारा उन्हें श्रंद्धाजंलि देने का क्रम जारी
बीकानेर। वरिष्ठ नाटककार, साहित्यकार एवं रंगधर्मी नाट्य संस्थान अनुराग कला केन्द्र के संस्थापक निर्मोही व्यास के निधन पर रंग-प्रेमियों एवं साहित्य जगत द्वारा उन्हें श्रंद्धाजंलि देने का क्रम जारी है। बीकानेर (पूर्व) की विद्यायिका सुश्री सिद्धी कुमारी नेव्यास के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए उन्हें बीकानेर रंगमंच का पथ-प्रदर्शक बताया। साहित्यकार एवं प्रबुद्ध जानकी नारायण श्रीमाली ने उन्हें साहित्य मनीशी बताते हुए उनके साथ अतंरगता प्रदर्शित की। संस्कार भारती के अध्यक्ष पेन्टर ’भोज‘ ने उन्हें संच्चा कला प्रेमी बताया। षहर भाजपा के उपाध्यक्ष सुरेश शर्मा ने कहा कि हमने एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी को खो दिया, वहीं पत्रकार षुभु पटवा ने कहा कि मानवीय संवेदनाओं को नाटक के रूप में व्यक्त करने वाले तथा उन्हे साकार रूप देने में उनका कोई सानी नहीं था। एकाउन्ट ऐसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष योगेश व्यास, धूमल भाटी, ड्राफ्टमैन ऐसोसिएसन के ओम राखेचा, प्रोफेसर अशोक आचार्य, चयन प्रकाशन के रामकिशन चौहान, डॉ. महेश गोयल ने निर्मोही जी के आवास-स्थल पर उपस्थित होकर गहरा षोक व्यक्त किया। केन्द्रीय साहित्य अकादमी से पुरस्कृत माल चंद तिवाङी ने कहा कि निर्मोही जी राजस्थानी भाशा को दिये गये साहित्य, नाटक को विशेश उपलब्धिपूर्ण बताया वरिश्ठ संगीतकार लक्ष्मीनारायण सोनी वरिष्ठ रंगनिर्देशक दयानंद शर्मा, प्रदीप भटनागर, चांद रजनीकर ने निर्मोही जी के साथ की गई रंगयात्रा को अविस्मरणीय बताते हुए उनको सच्चा रंग-साधक बताया, वहीं अर्पण आर्ट सोसाईटी के दलिप सिंह, करणी सिंह, किशन स्वामी, मरूधरा थियेटर के रमेश शर्मा, महिला रंग अभिनेत्री संगीता झा, मंजू रांकावत ने निर्मोही जी को बीकानेर का रंग जगत गुरू बताया वहीं दशहरा कमेटी के राकेश मेंहदीरत्ता ने दशहरा-उत्सव में उनके द्वारा किये गये कार्यों को सराहा। समीक्षक एवं एडवोकेट इसरार हसन कादरी ने भी उन्हें रंग- पुरोधा बताया।