आॅर्ट आॅफ लिविंग केन्द्र में नारद के भक्ति सूत्र पर विशेष व्याख्यान, होली स्नेह मिलन
श्रीश्रीरविशंकरजी की शिष्या सुश्राविका सुधा मालू का व्याख्यान

बीकानेर, 24 मार्च। गंगाशहर रोड पर स्थित पुरानी ट्रांसपोर्ट गली के आर्ट आॅफ लिविंग केन्द्र में रविवार को सात दिवसीय ’’नारद भक्ति सूत्र’’ पर बीकानेर मूल की सूरत प्रवासी श्रीश्रीरविशंकरजी की शिष्या सुश्राविका सुधा मालू का व्याख्यान शुरू हुआ । व्याख्यान नियमित शाम 6 बजे से 8 बजे तक 31 मार्च तक चलेगा। रविवार को शाम के सत्र में होली स्नेह मिलन भक्ति धमालों व गीतों के साथ मनाया गया।
नारद भक्ति सूत्र का व्याख्यान करते हुए सुश्राविका सुधा मालू ने प्रेम क्या है, प्रेम कहां है और प्रेम किसमें है’’का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि प्रेम के बिना जीवन निराशाभरा व रूखा रहता है। प्रेम जरूरी है, परन्तु इसके कारण जीवन में दुख व अनिष्ठता भी रहती है। निष्काम व शुद्ध प्रेम से जीवन की दिशा ही बदल जाती है। प्रेम की पराकाष्ठा ही भक्ति है। जीवन जब भक्ति की तरह मुड़ जाता है तो कोई कमी नहीं रहती। ’’सिद्धो भवति,अमृतो भवति व तृप्तो भवति’’ यानि निष्काम, निश्छल व शुद्ध प्रेम से सिद्धि, अमृत व तृप्ति की प्राप्ति होती है। वहीं कामनायुक्त, लालसा और वासनायुक्त प्रेम से कठिनाई व कष्ट मिलते है। जीवन को बेहतर बनाने के लिए निष्काम,निश्छल व सात्विक प्रेम में श्रीवृद्धि करते तथा संसार तथा सांसारिक वस्तुओं की बजाए परमपिता परमात्मा से प्रेम करने से ही जीवन सार्थक होता है।
शाम के सत्र में होली मिलन समारोह में सुधा मालू, जितेन्द्र सारस्वत, साधना सारस्वत आदि ने होली के साथ अनेक भक्ति धमालों की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम को पूर्ण भक्तिमय बना दिया।
अभिनंदन
वास्तु, टेरोकार्ड और ज्योतिष विशेषज्ञ सुप्रसिद्ध प्रवचनकार सुधा मालू के हाल ही दिल्ली में आयोजित वास्तुकुंभ में महावास्तु प्रमुख और संसद भवन को वास्तु के अनुसार बनाने वाले खुशदीप बंसल की ओर से सम्मानित करने पर रविवार को आर्ट आॅफ लिविंग के पदाधिकारियों ने अभिनंदन किया। सुश्राविका सुधा मालू रंगों के माध्यम से बिना किसी तोड़फोड़ के वास्तु समस्या का निदान करने में महारत हासिल करने पर यह सम्मान दिया गया। सुश्राविका मालू इससे पूर्व भी रोटरी क्लब सूरत, नेशन बिल्डर सहित विभिन्न संस्थाओं से सम्मानित हो चुकी है।