आजादी की जंग में एक लाख मुस्लिम क्रांति कारी हुए थे शहीद
तेहरिक -ए-आजादी में मुस्लिम शोहदा का विमोचन

बीकानेर, तेहरिक-ए-आजादी में एक लाख मुस्लिम क्रान्तिकारियो ने प्राणों की आहुति दी थी ।
यह तथ्य शहर विमोचित पुस्तक तेहरिक ए आजादी में मुस्लिम शोहदा अर्थात स्वन्त्रता संग्राम में मुस्लिम शहीद में जानने को मिले । मुस्लिम आरक्षण संघर्ष समिति राजस्थान की तरफ से प्रकाशित इस पुस्तक में कई रोचक और रोमान्च कारी जानकारियां पढ़ने को मिली।
कुल दो सौ पृष्ठो की इस पुस्तक में 1857 की क्रांति के विशेष संदर्भ में बताया गया की कीस प्रकार मौलाना फजले हक़ खेराबादी समेत कैसे हजारो लोगों ने अंग्रेजी हुकूमत के पाँव उखाड़ने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी ।
आजाद हिन्द फोज़ के अजमेर के सैनिक सुबराती खान और भरतपुर के सादिक खान ने हंसते हंसते जान क़ुर्बान कर दी ।
कार्यक्रम में सभी धर्मो के गणमान्य लोग उपस्थित थे पुस्तक विमोचन समारोह में समारोह की अध्यक्षता सैय्यद पीर रफ़ीक शाह ने की पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए बताया की भारतीय सवतन्त्रता संग्राम में दूसरे धर्मो के साथ साथ भारतीय मुसलमानो ने अपनी जान की क़ुर्बानियाँ दी ।
मौलाना फजले हक़ का बलिदान अनुठा
अतिथि के तौर पर खालिद मिस्बाही ने भारत के पहले शहीद अल्लामा मौलवी फजले हक़ खेराबादी के बलिदान पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा की उन्होंने सबसे पहले यह फतवा जारी किया की भारत को आजाद करवाना हर मुसलमान पर फर्ज होगा।
बीकानेर तीन साल बाद मनाये जलियावाला बरसी
मुख्य अतिथि के तौर पर दिल्ली से आये हुए अख़लाक़ अहमद उस्मानी साहब ने अपने उद्घोष में कहा की सम्पूर्ण भारत से एवं तमाम राज्यो से बड़ी तादाद में मुसलमानो ने अपनी क़ुर्बानियाँ दी लेकिन आजादी के बाद उसे जान बूझकर भुला दिया गया लेकिन बड़ी ख़ुशी का मकाम के देर से ही सही लेकिन याद किया और अब यह सिलसिला जारी रहना चाहिए और आने वाली 13 अप्रैल 2019 को याद किया जाए जो जलियावाला बाग़ के 100 वर्ष पुरे हो रहे है ।
इस जलियावाला बाग़ के हीरो सैफुदीन किचलू की सान में एक बड़ा प्रोग्राम कर के जो इस शहिद इस पुस्तक में आने से वंचित हो गए है उनको सामिल कर दूसरी पुस्तक का भी विमोचन किया जाय ।
पुस्तक के अनुवादक मो.रफीक जोधपुर थे इस कार्यक्रम में वक्ता के रूप में पीर अमीन शाह , अब्दुल मजीद खोखर,हाजी सलीम सोढा, शब्बीर अहमद, विजय आचार्य पूर्व भाजपा शहर अध्यक्ष, दिलीप मारवाल, आजम अली, अनीसु दीन, अत्ता उल्लाह, पार्षद साबुदीन भुट्टो थे।
मामा जी संख वाले ने संख बजा कर कार्यक्रम की सोभा बढ़ाई, इस मोके पर नूर कुरैशी , शाहबाज़ खान कायमखानी,मुस्लिम महासभा के प्रदेश सह प्रवक्ता अब्दुल रहमान लोदरा,अकबर अली, अकबर जोइया, सलीम अली, इमरान लोदी, सलीम कुरैशी, अनवर अत्तारी आदि थे । समारोह का संचालन कारी नवाज़ ने किया।